'अहमस्मि'- अपनी खोज में
अब किसी पड़ोसी को इस बात की शिकायत नहीं होगी कि उसने छत पर सूखने के लिए टंगे कपड़ों को खींचकर ज़मीन पर गिरा दिया , कि उसने उनके कमरे के सामने पोटी या सुसु कर दी, अब किसी को छत पर जाने से भौंक-भौंककर कोई नहीं रोकेगा… अब मुझे भी रात में दो बजे उठाकर खेलने के लिए नहीं भौंकेगा, न ही कोई सुबह-सुबह बेड की चादर खींचकर वाक पर चलने की जिद करेगा ….अब बिस्तर से नीचे उतरने पर मुझे मेरी चप्पलें अपनी जगह मिलेंगी , अब दोस्तों के आने पर उनकी चप्पलें काटे जाने के डर से उठाकर रैक पर नहीं रखनी पड़ेंगी … अब छत की टंकी से गिरने वाले पानी में भीगकर कोई अपने नन्हे-नन्हे पंजों से कमरे की फर्श पर निशान नहीं बनाएगा …मेरा घर साफ-सुथरा रहेगा … मेरे झाडू लगाने पर उसे खींचकर कोई नहीं खेलेगा और न ही कोई पोछा लेकर भागेगा … मेरे बाथरूम में जाने पर दरवाजे पर पंजे मारकर उसे खोलने की कोशिश नहीं करेगा और न ही बाहर निकलने पर पैरों से लिपट जाएगा … कोई ज़बरदस्ती बिस्तर पर बैठाने की जिद नहीं करेगा … दोनों पंजे से पकड़कर कोई मुँह नहीं चाटेगा…अब मुझे बाहर जाने से पहले उसकी चिंता नहीं करनी पड़ेगी… और न लौटने की कोई उत्सुकता होगी .
… अब सब कुछ पहले जैसा है…कोई हलचल नहीं … शांत, स्थिर, खामोश …न हँसने का कोई बहाना , न गुस्सा होने की कोई वजह … मैं अब अकेली हूँ पहले की तरह … पता नहीं मेरे साथ ऐसा क्यों होता है कि मैं जिसे बहुत चाहती हूँ, वो मुझसे दूर हो जाता है …अब तो मुझे डर लगने लगा है किसी से भी प्यार करने से या दोस्ती करने से …मैं उसे बहुत चाहती थी …बहुत ज्यादा. मेरी कली कुछ ही दिनों में मेरी ज़िंदगी का हिस्सा बन गयी थी …
( बेड पर चढ़ने के लिए झगड़ा)
कहीं नहीं गई है कली, यहीं बिस्तर पर चढ़ने की कोशिश में है लगी। आपको स्मृतियों में रहेगी बसी। आपने तो सहेज लिया है। एक बेहतर प्रस्तुति। बढि़या तरीके से। परंतु विनम्र श्रद्धांजलि।
मैने भी इसका फ़ेसबुक वाला वीडियो फ़िर से देखा… पानी से खेलती कली… 😦
😦 खुश रहो… नही पता कि कैसे रहो… लेकिन रहो 😦
वीडियो में देखिये कली क्या कह रही है -dukhee
mat hoyiye aapkee smritiyon में vah shaashvat rahegee !
(sorry transliteration is not working! )
दुखद । जीवन में ऐसे आना, रम जाना और पुनः वापस । सम्बन्ध पहले का होता है, जिया वर्तमान में जाता है । इस विषय पर एक गीत मुझे बहुधा याद आता है ।
” मेरा तुझसे है पहले का नाता कोई, यूँ ही नहीं दिल लुभाता कोई”
ओह!! दुख समझ सकता हूँ..मेरी डार्जी भी ऐसे ही गई और फिर ऐना…कितने अपने हो जाते हैं ये कुछ ही पलों में….
बहुत थोड़ा साथ रहा कली का तुम्हारे साथ लेकिन यह भी तय है कि हमेशा याद आयेगी…
इतनी जल्दी..कैसे पूछ कर जख्म कुरेदना नहीं चाहता. बस, हिम्मत से काम लो!!
पता नहीं मेरे साथ ऐसा क्यों होता है कि मैं जिसे बहुत चाहती हूँ, वो मुझसे दूर हो जाता है …अब तो मुझे डर लगने लगा है किसी से भी प्यार करने से या दोस्ती करने से …मैं उसे बहुत चाहती थी …बहुत ज्यादा. मेरी कली कुछ ही दिनों में मेरी ज़िंदगी का हिस्सा बन गयी थी …
बिलकुल ऐसा ही मेरे साथ भी होता है…. बचपन से होता रहा है….. कुल मिलकर बहुत दिल को छू गई यह पोस्ट….
bada hi marmik Mahadevi ji ke gillu ki yaad aa gayi…wo hamesha aapki yaado me jeevit rahega
हूँ वो जहां होगी शरारत कर रही होगी -इसका जवाब वीडियो में कली दे रही है !
Aradhana,
Sorry for your loss. I hope the unconditional love Kali gave you may you be able to share it with those in need. I lost my Preeti in 1995 and it still feels as if it was yesterday. I treat it as good karma that Preeti came into our lives and gave us so much love and joy and resolved so many karmas.
पता नहीं मेरे साथ ऐसा क्यों होता है कि मैं जिसे बहुत चाहती हूँ, वो मुझसे दूर हो जाता है …अब तो मुझे डर लगने लगा है किसी से भी प्यार करने से या दोस्ती करने से …
Please don’t limit your potential to share love. Just treat it as a karma resolved. I feel every relationship has a duration. When the purpose of a particular relationship is met the relationship fizzles out sometimes physically and otherwise emotionally. But it leave a deep memory. The good ones motivate us to be good and the bad ones show us how not to repeat the mistakes.
Just don’t limit your self from sharing the love you have in your heart,,,
I send you love and warm hugs.
Peace,
Desi girl
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कभी कभी हम स्नेह को पहचानने में गलती कर जाते हैं आराधना …जो दूर चला जाय ..जो तुम्हारा हाँथ दुःख में न थामे, हो सकता है तुम उसे प्यार करती होगी पर वह नही ..क्योंकि मज़बूरी में हाँथ छुटते हैं रिश्ते नही ..
…कली के लिए तो क्या कहूँ ….सब ठीक हो जायेगा ..धैर्य रखो ..पर भावनाओं को दुर्घटनाओं से न जोड़ो ..जिंदगी बहुत बड़ी है ..और सुन्दर भी.
दुखद ।
दुखद …
आज अभी फीड खोले तो इस पोस्ट पर नज़र गयी… फ़ौरन पढ़ लिया… अब क्या कहूँ कली के बारे में….
बहुत कुछ देकर भी गया है आपको.
Oh Mukti, my heartfelt apologies.
Take Care
Richa
it just can’t be true. i am devastated. pl tell me what happened.i am v v upset. so can imagine what it must be like for u. 😦
gb
Take care its very sad . losing a pet is a personal loss . We share your grief
ओह.. धड़कते दिल से पढ़ रही थी पूरी पोस्ट…और अंत में वही पढने को मिला,जिसका अंदेशा था…ये क्या हो गया…उस दिन तुमने बताया तो था कि उसे हॉस्पिटल ले जा रही हो..पर इतनी खराब थी तबियत उसकी….अंदाजा नहीं था..ओह्ह… तुम्हारे दुख का अंदाजा लगाया जा सकता है. इसके जैसा unconditional love दुनिया में कहीं नहीं मिल सकता…प्लीज़ अपना ध्यान रखो…और अकेली मत रहो..अपने फ्रेंड्स को बुला लो….feeling so sorry for u…unable to write anything more…God give u strength to bear this irreparable loss…..feeling sooo sad..
ओह,
यह सब कैसे हुआ? अभी कुछ दिनों पहले तो उसकी शैतानियों के बारे में पोस्ट पढ़ी थी। मजाक मजाक में उसके विवाह की चिन्ता भी हमने की थी।
अचानक यूं कली का चले जाना, मन को आहत कर गया; उसे कभी देखा तो भी सिर्फ फोटो में लेकिन आपकी पोस्ट्स पढ़कर लगने लगा था मानों वह भी हमारे परिवार की एक सदस्य थी।
भावुक हो रहा हूँ, आगे लिखा नहीं जा रहा।
कली को विनम्र श्रद्धान्जली।
हम लगाव कर फिर उनके दूर जाने पर कुछ पल के लिए ठिठक जरुर जाते हैं। पता नहीं ऐसा क्यों होता है? जिंदगी ,अहसासों से भरी है। दूरी का दर्द सालता है। जिंदगी खुशी के लिए है, हां हम भी उसका हिस्सा हैं। शायद वे भी कभी-कभी जिंदगी को बदलते रहते हैं।
पढ़कर अजीब तरह का अहसास हुआ कि हम क्यों अपनों के बिछुड़ने पर मन को भारी कर जाते हैं। अचानक कोई जो इतना प्यारा था, यूं रुठकर चला जाये तो दर्द जरुर होता है। बात इंसान की हो या जानवर की, दोनों में बसता तो जीवन ही है।
She has become part of your being so that you can be one with her in totality.She will remain forever with you as long as you venture on this planet in form of memories.I will not ask you to stop shedding tears for tears do provide a relief to the soul in such tragic situations.
However,once you end your bonhomie with tears do refresh the soul with a smile.
Arvind K.Pandey
http://indowaves.instablogs.com/
It appears that some Aradhana in a different part of the planet needed Kali more than this Aradhana.So after playing a “guest artist” role in the Aradhana’s life-the one we all know as poet and writer – she has sliped into life of some another soul’s drama who needed her more badly than you. Unfortunately, we can track a mobile once it gets lost but there is no system to track a lost soul !!!!
“God’s finger touched him, and he slept.”
– Lord Alfred Tennyson
Arvind K.Pandey
http://indowaves.instablogs.com/
कली सच में बहुत ही प्यारी थी ,वो यादों में अब भी जिंदा है और रहेगी.
बहुत दुःख हुआ कि अब इस दुनिया में नहीं किसी और दुनिया में चली गयी है.. आप ने ठीक सोचा है वहाँ भी वह सब को अपना बना लेगी..खुश रहेगी.
सच! आप ने भी कितने प्यार से उसकी यादें इन तस्वीरों में और विडियो में संभाल कर रखी !
‘पता नहीं मेरे साथ ऐसा क्यों होता है कि मैं जिसे बहुत चाहती हूँ, वो मुझसे दूर हो जाता है ‘
ओह आराधना जी! ऐसा क्यों सोचती हैं यह महज इत्तेफाक होगा.
खुद से खुद कभी कोई अवसर नहीं छिनना चाहिए.
…………………..
ओह! एक और गोलू पांड़े! 😦
वाकई…आप बहुत भावुक हैं…
लेकिन मुझे शिकायत है की उसके बहाने हम कुछ देर हस बोल लेते थे F B पे अब वों नहीं कर सकते….अब वों बहन नहीं रहा……..
अचानक यूं कली का चले जाना?
वाकई…दुखद!!!
ओह! दुखद घटनाक्रम
मेरी डेज़ी भी ऐसी ही थी पानी से खेलती
ये मासूम बेज़ुबान जीव अपनी यादों से बहुत तड़पाते हैं
बहुत ही बदमाश है, पीटना चाहिये न !!
आप चिन्ता न करिये, वो किसी और घर में खेल रही है.
आराधना जी उस साथी की बात लिखी आप जो सदियों से हमारे साथ रहता आया, आप के भाव और तर्कों को मैं सलाम करता हूं
मेरी काली भी ऐसी थी, अब फ़ातिमा है, उसके किस्से दिल को छू जाते है, लेकिन आराधना जी मैं भी वही कहूंगा कि प्रकृति में कुछ भी निश्चित नही है, विडम्बना यह है कि हम जिन प्रजातियों के साथ रहते है उनकी सबकी उम्र में विभिन्नता होती है और यही वजह कि हम से पहले वो हमारा साथ छोड़ देते है! हाँ एक बात और कहना चाहूंगा कि time and space are nothing these are dimensions. हम सब स्टेशन है, ब्राडकास्ट होना बन्द होता है तो लगता है सब खत्म पर कुछ खत्म नही होता, स्टेशन मौजूद होते है और फ़िर वो नये वक्त और नये कार्यक्रम के साथ जीवित हो उठते है!
हम पहले भी पढ़ चुके हैं, लेकिन बिना कुछ कहे वापस चले गए…समझ में नहीं आया क्या कहें
आज इसे फ़िर पढ़ा । संवेदनशील पोस्ट! अब मन कैसा है?
अब मैं पूरी तरह ठीक हूँ.
shayad tumhare blog mein tumhare dadda ki hi baatein hai…jo bhavishya ki chinta kabhi na karte…time nikal kar pura blog padhna hai…unki aakhiri tasveer Gujarat mein Bharuch ki hi hai ?
tumhein lag sakta hai ki main kuchh zyada ‘aupcharik’ hota hoon tumse, ya personalised…
aaj phir se tumhara blog padh aur yeh likhne ko tatpar hua, ki tumhari jee huee/kahi huee har baat ya tumhara vartmaan, vaise jeevan sirf vartamaan hi hai, sab kuchh sahaj sparshniya hai…tumhari sahajta saralta sachchi prateet hoti hai…tumhare dadda ke vishwas mein, shabdon mein, mein apna vishwas tum ko lekar vyakt karta hoon ki ” vaisa jaisa ki tumne kaha “mujh ko (aradhana) lekar ve bahut nishchint the” aur jaise tumne kaha “na jaane kyon itni aashvasti thi mere(aradhana ke) baare mein:..GGS
kali jaisi ki bidaaee sada ki har uss samvedansheel family ne sahi hai, yeh anivaarya sa lagta hai…apni masoomiyat liye unka chale jaana, jise ham kabhi nahi bhula paate…GGS
blog mein dekhi kali ki sundarta va svachhchta se uske rakh-rakhaav ka, uski parvarish ka andaza hota hai.