झूमना अंतरिक्ष में नक्षत्रों के बीच
तुमसे मिलना है फूलों की घाटी में होना,
असंख्य पुष्पों की हज़ारों खुशबुओं और सैकड़ों रंगों के बीच डूब जाना,
ढाँप लेना मुँह को शीतल परागकणों से,
घास के मखमली कालीन पर लोट लगाना….
ताकना तुम्हारी आँखों में, गहरे नीले आसमान को …
तुमसे मिलना है झूमना अंतरिक्ष में नक्षत्रों के बीच
हलके और भारहीन होकर,
बिना आक्सीजन के भरना गहरी आहें,
बर्फ से भी कहीं ठन्डे अंतरिक्ष में
गर्मी तुम्हारे प्यार की…
तुमसे मिलना अथाह समुद्र में गोते लगाने सा है…
उस जगह पहुँचना, जहाँ दिखते हैं -अनदेखे रंग-बिरंगे जीव,
धुँधली सी रोशनी, थोड़ी गर्मी, हल्की सिहरन,
अतुलनीय दबाव में घुटता है दम
और रंगीन बुलबुले आने नहीं देते ऊपर…
तुमसे मिलना खो जाना है जंगल में,
चारों ओर -घना-काला घुप्प अँधियारा,
कँटीली झाडियों की चुभन, हरीतिमा की महक,
वहाँ से जाते हैं सारे रास्ते तुम्हारी तरफ
कोई रास्ता लौटकर नहीं आता…
तुमसे मिलना है स्वयं से ‘स्व’ का मिलना
जीवन में पहली बार खुद से प्यार हुआ।