महीना: अगस्त 2010

चार चित्र आज़ादी के…

आज फिर मैं अपनी सहेली चैंडी द्वारा ली हुयी कुछ तस्वीरें पोस्ट कर रही हूँ... कैप्शन मैंने लिखे हैं. आज़ादी का छोटा सा मतलब... (सभी चित्र मेरी सहेली चैंडी के कैमरे से )

मैं प्यासी

... जब घुमड़ घिरी घनघोर घटा रह-रहके दामिनी चमक उठी, उपवन में नाच उठे मयूर सौंधी मिट्टी की महक बिखरी, बूँदें बरसीं रिमझिम-रिमझिम सूखी धरती की प्यास बुझी, पर मैं बिरहन प्यासी ही रही... ... ... ... ये प्रकृति का भरा-पूरा प्याला हर समय छलकता रहता है, ऋतुओं के आने-जाने का क्रम निशदिन चलता रहता … पढ़ना जारी रखें मैं प्यासी

तस्वीरें बोलती हैं शब्दों से ज्यादा

सोचा था कि फ्रेंडशिप डे पर तो आज कुछ नहीं लिखूँगी. वैसे ये पोस्ट उस पर है ही नहीं. ये मेरी एक सहेली के बारे में है. चंद्रकांता भारती, जिसे प्यार से हमलोग 'चैंडी' कहते हैं, हॉस्टल के दिनों से ही. एक बेहद आत्मनिर्भर, मजबूत, विटी और ऐक्टिव लड़की, जिसने नेट क्वालिफाइड और पीएच.डी. में … पढ़ना जारी रखें तस्वीरें बोलती हैं शब्दों से ज्यादा