मई के महीने में दिल्ली की गर्मियों से बचने के लिये हम कुछ मित्रगण उत्तराखंड गये. हरिद्वार में राहत नहीं मिली तो सोचा कि देवप्रयाग चला जाय. अलकनंदा और भागीरथी नदियों के संगम पर स्थित इस तीर्थ का बहुत नाम सुना था. वहाँ पहुँचकर गर्मी से राहत तो नहीं मिली, पर पहाड़ों के सुन्दर दृश्यों ने दृष्टि को बांध लिया. उस समय अलकनंदा के ऊपरी इलाकों में बारिश होने से उसका पानी मटमैला सा हो गया था. इसलिये संगम पर दोंनो नदियों के पानी का अन्तर दूर से ही देखा जा सकता था. शाम की आरती के समय हम संगम पर गये. वहाँ पर बर्फ जैसे ठंडे पानी में हाथ-मुँह धोकर हम तृप्त हो गये. वह अनुभव अद्भुत था. मेरे पास कोई प्रोफ़ेशनल कैमरा नहीं था तो अपने मोबाइल कैम से ही कुछ फोटो लीं, जो इस पोस्ट के साथ लगा दी हैं.
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