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नारीवादी स्त्री प्रेम नहीं करती?

फेसबुक बड़ी मज़ेदार जगह है. यहाँ गंभीर विमर्श के लिए भले ही अपेक्षित स्थान न हो, लेकिन उसके लिए सामग्री अवश्य प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है।  यह पोस्ट फेसबुक पर मेरे एक स्टेटस और उस पर आये एक कमेन्ट से सम्बन्धित है। परसों मैंने एक बात लिखी प्रेम और आकर्षण के बारे में- "कभी-कभी प्रेम … पढ़ना जारी रखें नारीवादी स्त्री प्रेम नहीं करती?

दर्दे-ए-हिज्र बेहतर है फिर तो तेरे पास होने से

... मुझे तारीखें याद नहीं रहतीं. पिछली दफा तुम किस तारीख को आये, कब गए, अगली बार कब आओगे, कुछ भी नहीं. मैं कैलेण्डर के पन्ने नहीं पलटती, जिससे तुम्हारे जाने का दिन याद रहे... और जब तुम आते हो, तो अपने हाथों से नयी तारीख लगाते हो. तुम्हारे जाने से ज़िंदगी ठहर सी जाती … पढ़ना जारी रखें दर्दे-ए-हिज्र बेहतर है फिर तो तेरे पास होने से

मैं प्यासी

... जब घुमड़ घिरी घनघोर घटा रह-रहके दामिनी चमक उठी, उपवन में नाच उठे मयूर सौंधी मिट्टी की महक बिखरी, बूँदें बरसीं रिमझिम-रिमझिम सूखी धरती की प्यास बुझी, पर मैं बिरहन प्यासी ही रही... ... ... ... ये प्रकृति का भरा-पूरा प्याला हर समय छलकता रहता है, ऋतुओं के आने-जाने का क्रम निशदिन चलता रहता … पढ़ना जारी रखें मैं प्यासी

फिर एक इंतज़ार

तुम क्यों आते हो?? तुम्हारे आने के साथ आता है डर तुम्हारे जाने का, मैं भी  कितनी पागल हूँ... कि तुम्हारे आने से पहले तकती हूँ राह तुम्हारी, और करती हूँ घण्टों इंतज़ार... और तुम्हारे आने के बाद हो जाती हूँ उदास कि कुछ देर रहकर साथ लौट जाओगे तुम, पीछे छोड़ जाओगे उदासी, सूनापन … पढ़ना जारी रखें फिर एक इंतज़ार

तुम्हारा जाना

फूल सभी मुरझा गये सूरज बुझ गया चिड़िया गूँगी हो गयी, सन्नाटा फैल गया सब ओर... दिशायें सूनी हो गयीं, रंगो से भरा ये संसार कब हो गया फीका-सा मुझे धुँधली सी भी नहीं याद, कि देखी हैं कब बहारें मैंने तुम्हारे जाने के बाद. ....... तुम्हारे आने से फैल जाती थी हवाओं में महक, … पढ़ना जारी रखें तुम्हारा जाना

मेरे जीवन में भी काश

मेरे जीवन में भी काश एक बार आता मधुमास कामदेव का बाण मुझे भी लग जाता मुझको भी हो जाती पिया मिलन की आस मेरे जीवन में... रिक्त हृदय का प्याला भर जाता मधु से मिट जाती मेरे भी हृदय के प्रेम की प्यास मेरे जीवन में... विरह-अग्नि में मैं भी जलती धीरे-धीरे प्रेम आग … पढ़ना जारी रखें मेरे जीवन में भी काश