दिन: फ़रवरी 4, 2010

गुनगुनी धूप

गुनगुनी धूप कल उतरी मेरी बालकनी में, जैसे अम्मा ने हौले से दुलार दिया हो मुझे, इससे पहले तो धूप में न था इतना अपनापन ... क्या भेजा है कोई संदेश उसने स्वर्ग से?